प्रयोग संख्या 3 - मीटर सेतु की सहायता से प्रतिरोधों के संयोजन नियमों (श्रेणी क्रम/समान्तर क्रम) का सत्यापन करना।

प्रयोग संख्या 3 - मीटर सेतु की सहायता से प्रतिरोधों के संयोजन नियमों (श्रेणी क्रम/समान्तर क्रम) का सत्यापन करना।

प्रयोग संख्या-3

उद्देश्य [Objective]

मीटर सेतु की सहायता से प्रतिरोधों के संयोजन नियमों (श्रेणी क्रम/समान्तर क्रम) का सत्यापन करना।

(To verify the laws of combination (series/parallel) of resistance using a meter bridge.)

आवश्यक उपकरण तथा सामग्री (Necessary Apparatus and Material) : 

  1.  मीटर सेतु
  2.  प्रतिरोध बॉक्स
  3.  दो प्रतिरोध कुण्डलियाँ
  4.  एकमार्गी कुंजी
  5.  गैल्वेनोमीटर
  6.  लैक्लांशे सेल
  7.  संयोजक तार
  8.  रेगमार आदि।

सिद्धान्त [Principle] : 

श्रेणी क्रम में जोड़े गए दो प्रतिरोधों S_1 व S_2 का तुल्य प्रतिरोध

$S = S_1 + S_2$

समान्तर क्रम में जोड़े गए दो प्रतिरोधों $S_1$ व $S_2$ का तुल्य प्रतिरोध यदि S' है तो

$\frac{1}{S'} = \frac{1}{S_1} + \frac{1}{S_2}$

या

$S' = \frac{S_1 S_2}{S_1 + S_2}$

मीटर सेतु से अज्ञात प्रतिरोध की गणना सूत्र $S = R \left(\frac{100 - l_1}{l_1}\right)$ से प्रयोग संख्या-2 के समान करते हैं, जहाँ R बाएँ रिक्त स्थान में लगे प्रतिरोध बॉक्स से लगाया गया प्रतिरोध है तथा S दाएँ रिक्त स्थान में लगाया गया अज्ञात प्रतिरोध है। $l_1$ विक्षेप स्थिति में बाएँ सिरे से तार की सन्तुलन लम्बाई है।

प्रयोग विधि (Experimental Procedure)

1. सर्वप्रथम प्रयोग संख्या-2 की भाँति चित्र-1 में प्रदर्शित विद्युत परिपथ पूर्ण करके परिपथ के सही होने की जाँच कर लेते हैं। अब एक तार को दाईं ओर के रिक्त स्थान में लगाकर इसका प्रतिरोध $S_1$ ज्ञात कर लेते हैं। फिर दूसरे तार को दाईं ओर के रिक्त स्थान में लगाकर इसका प्रतिरोध $S_2$ ज्ञात कर लेते हैं।

2. अब दोनों तारों को श्रेणी क्रम में जोड़कर सेतु के दाईं ओर के रिक्त स्थान में लगाते हैं तथा तुल्य प्रतिरोध S ज्ञात कर लेते हैं।

मीटर सेतु की सहायता से प्रतिरोधों के संयोजन नियमों (श्रेणी क्रम/समान्तर क्रम) का सत्यापन करना।

3. तत्पश्चात दोनों तारों को समांतर क्रम में जोड़कर सेतु के दाई ओर के रिक्त स्थान में लगाते हे तथा तुल्य प्रतिरोध S'  ज्ञात कर लेते हैं। 

मीटर सेतु की सहायता से प्रतिरोधों के संयोजन नियमों (श्रेणी क्रम/समान्तर क्रम) का सत्यापन करना।

प्रेक्षण ( Observations) : 


गणनाएँ (Calculations)

श्रेणी क्रम में तुल्य प्रतिरोध $S = S_1 + S_2 = ..... \Omega$

समान्तर क्रम में तुल्य प्रतिरोध $S' = \frac{S_1 S_2}{S_1 + S_2} = ...... \Omega$

परिणाम (Result)

निम्नलिखित सारणी में श्रेणी क्रम व समान्तर क्रम संयोजन में प्रयोग द्वारा प्राप्त तुल्य प्रतिरोध तथा सूत्र द्वारा प्राप्त तुल्य प्रतिरोध के मान दिए गए हैं जो लगभग बराबर हैं। अतः प्रतिरोधों के श्रेणी संयोजन व समान्तर संयोजन नियमों की सत्यता सिद्ध होती है।

सावधानियाँ (Precautions)

  1. सभी संयोजक तारों के सिरे स्वच्छ होने चाहिए।
  2. संयोजन दृढ़ता से करना चाहिए।
  3. प्रतिरोध बॉक्स के सभी प्लगों को दृढ़ता से कस देना चाहिए।
  4. प्रेक्षण लेते समय ही कुंजी लगानी चाहिए।
  5. दिए गए तार पर बिंदु 30 सेमी-70 सेमी के मध्य में प्राप्त होना चाहिए।
  6. जॉकी को सेतु के तार से रगड़ना नहीं चाहिए।
  7. विद्युत धारा को अधिक समय तक प्रवाहित नहीं करना चाहिए।

त्रुटि के स्रोत (Sources of Error)

  1. तारों को श्रेणी क्रम में जोड़ने पर उनकी लम्बाई (बीच में जोड़ने के कारण) कुछ कम हो जाती है जिससे परिणाम अशुद्ध आता है।
  2. कभी-कभी धारा अधिक देर तक बहती रहती है जिससे तार गर्म हो जाता है तथा उसका प्रतिरोध बदल (कम) जाता है।

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