प्रयोग संख्या-2 : मीटर सेतु का प्रयोग करके दिए गए तार का प्रतिरोध ज्ञात करना तथा इससे तार के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध ज्ञात करना।
[To find the resistance of a given wire using meter bridge and hence determine the specific resistance of its material.]
उद्देश्य [Objective]
मीटर सेतु का प्रयोग करके दिए गए तार का प्रतिरोध ज्ञात करना तथा इससे तार के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध ज्ञात करना।
[To find the resistance of a given wire using meter bridge and hence determine the specific resistance of its material.]
आवश्यक उपकरण तथा सामग्री (Necessary Apparatus and Material) :
- मीटर सेतु
- प्रतिरोध बॉक्स
- एकमार्गी कुंजी
- जॉकी (सर्पी)
- धारामापी (गैल्वेनोमीटर)
- लैक्लांशे सेल
- रेगमार
- संयोजी तार
- प्रतिरोध
- पेंचमापी आदि।
सिद्धान्त (Principle) :
मीटर सेतु (Meter Bridge) - मीटर सेतु को चित्र-1 में दिखाया गया है। यह एक मीटर लम्बे एकसमान अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल वाले तार से निर्मित होता है जिसे लम्बवत् धातु की दो मोटी पट्टिकाओं के मध्य कस दिया जाता है, जैसा कि चित्र-1 में दिखाया गया है। धात्विक पट्टिका में दो रिक्तियां होती हैं जिनके मध्य प्रतिरोधकों को संयोजित किया जा सकता है। अन्य बिन्दु जहाँ तार कसे रहते हैं, एक कुंजी द्वारा सेल से जुड़े रहते हैं। गैल्वेनोमीटर का एक सिरा रिक्तियों के मध्य बीचों बीच धात्विक पट्टिका से जुड़ा रहता है। गैल्वेनोमीटर का दूसरा सिरा जॉकी से जुड़ा रहता है। जॉकी एक धात्विक छड़ होती है जिसका एक सिरा खुर-धार होता है तथा जिसे विद्युत संयोजन बनाने के लिए तार के ऊपर सरका सकते हैं।
1. प्रतिरोध ज्ञात करना (To find the resistance)—हम चित्र-1 पर विचार करते हैं। चित्र-1 में S अज्ञात प्रतिरोध है जिसका मान हम ज्ञात करना चाहते हैं। इसे दोनों में से किसी एक रिक्त में संयोजित कर देते हैं। दूसरी रिक्त के मध्य एक मानक ज्ञात प्रतिरोध R संयोजित करते हैं। जॉकी को तार पर किसी बिन्दु D जो कि सिरे A से l सेमी की दूरी पर है, स्पर्श करते हैं। जॉकी को तार के अनुदिश सरका सकते हैं। तार के AD भाग का प्रतिरोध R_{सेमी} l है जहाँ R_{सेमी} तार का प्रति एकांक सेमी प्रतिरोध है। इस प्रकार DC भाग का प्रतिरोध R_{सेमी}(100 - l) है।
चार भुजाएँ AB, BC, DA तथा CD (जिनके प्रतिरोध क्रमशः: R, S, R_{सेमी} l तथा R_{सेमी} 100 - l है) स्पष्टतया AC बैटरी भुजा तथा BD गैल्वेनोमीटर भुजा के साथ एक व्हीटस्टोन सेतु का निर्माण करते हैं। यदि जॉकी को तार के अनुदिश सरकाया जाता है तो एक स्थान (सन्तुलन बिन्दु) ऐसा प्राप्त होगा जहाँ गैल्वेनोमीटर कोई धारा प्रदर्शित नहीं करेगा। माना सन्तुलन बिन्दु पर सिरे से जॉकी की दूरी l = l_1 है, तब सन्तुलन बिन्दु पर सेतु के चार प्रतिरोधों के मान R, S, R_{सेमी} l_1 तथा R_{सेमी} (100 - l_1) हैं। सन्तुलन प्रतिबन्ध के लिए:
$\frac{R}{S} = \frac{R_{सेमी} l_1}{R_{सेमी}(100 - l_1)} = \frac{l_1}{100 - l_1}...(5)$
अतः जैसे ही हम l_1 का मान ज्ञात करते हैं, मानक ज्ञात प्रतिरोध R के पदों में अज्ञात प्रतिरोध S का मान प्राप्त हो जाता है।
$S = R \frac{100 - l_1}{l_1}...(6)$
R के विभिन्न मानों को चुनने पर हमें l_1 के विभिन्न मान प्राप्त होते हैं और हर बार S का परिकलन करते हैं। यह कहा जा सकता है कि l_1 के मापन में त्रुटि के परिणामस्वरूप S में त्रुटि आ जाएगी। यह दिखाया जा सकता है कि सन्तुलन बिन्दु को सेतु के तार के मध्य के समीप अर्थात् l_1 को 50 सेमी के निकट रखकर समायोजित करने से, जिसके लिए R का उचित चयन करना आवश्यक है, S में प्रतिशत त्रुटि को न्यूनतम किया जा सकता है।
2. विशिष्ट प्रतिरोध का निर्धारण करना (To determine the specific resistance) — तार का प्रतिरोध निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है—
(i) तार की लम्बाई पर—तार का प्रतिरोध (S) इसकी लम्बाई (l) के अनुक्रमानुपाती होता है—
$S \propto l$
(ii) तार की अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर—तार का प्रतिरोध (S) इसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल (A) के व्युत्क्रमानुपाती होता है—
$S \propto \frac{1}{A}$
उपर्युक्त दोनों सम्बन्धों को संयोजित करने पर,
$S \propto \frac{l}{A} या S = \rho \frac{l}{A}$
यहाँ \rho तार के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध अथवा प्रतिरोधकता है।
अतः
$\rho = S \left(\frac{A}{l}\right)$
अब यदि तार का व्यास D हो तो
$A = \frac{\pi D^2}{4}$
पुनः
$\rho = S \left(\frac{\pi D^2}{4l}\right)$
विशिष्ट प्रतिरोध को S.I. पद्धति में इकाई ओम-मीटर ($\Omega - m$) होती है।
प्रयोग विधि (Experimental Procedure)
1. प्रतिरोध ज्ञात करना—
- संयोजक तारों के सिरों को रेगमार से रगड़कर भली-भाँति स्वच्छ करते हैं।
- प्लग से कुंजी निकालकर चित्र-2 के समान परिपथ तैयार करते हैं।
- प्रतिरोध बॉक्स के सभी प्लगों को दृढ़ता से कस देते हैं।
- अब प्लग में कुंजी लगाकर प्रतिरोध (R = 2 \Omega) के लिए प्लग को प्रतिरोध बॉक्स से निकाल देते हैं।
- परिपथ की जाँच करते हैं। इसके लिए, पहले सेतु के तार के बाएँ सिरे पर जॉकी दबाते हैं तथा फिर दाएँ सिरे पर। यदि गैल्वेनोमीटर दो विपरीत दिशाओं में विक्षेप प्रदर्शित करता है तो संयोजन ठीक प्रकार से हो जाता है।
- अब जॉकी को तार AC पर भिन्न-भिन्न बिन्दुओं पर रखते हैं तथा एक बिन्दु D ऐसा ज्ञात करते हैं जहाँ गैल्वेनोमीटर में विक्षेप न हो। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि सन्तुलन बिन्दु सदैव 30 सेमी तथा 70 सेमी के मध्य में प्राप्त हो।
- AB की लम्बाई (l_1) मीटर स्केल से ज्ञात करते हैं।
- प्रयोग को S के भिन्न-भिन्न मानों के लिए दोहराते हैं।
प्रेक्षण (Observation) :
परिणाम (Result) :
अज्ञात प्रतिरोध (S) का मान = ....... $\Omega$
II. विशिष्ट प्रतिरोध ज्ञात करना—1. दिए गए तार का व्यास पेंचमापी (screw gauge) की सहायता से मापते हैं।
प्रेक्षण (Observation)
वृत्ताकार पैमाने पर खानों की संख्या = ........
पेंचमापी का चूड़ी अन्तराल = ........ मिमी
पेंचमापी का अल्पतमांक = $\frac{चूड़ी अन्तराल}{वृत्ताकार पैमाने पर खानों की संख्या}$
शून्यांक त्रुटि = $\pm$ ...... मिमी
पेंचमापी का शून्यांक संशोधन = $\pm$ ...... मिमी
सारणी-2
| क्रम सं० | मुख्य पैमाने का पाठ्यांक M (मिमी) | सन्दर्भ रेखा पर वृत्तीय पैमाने के खानों की संख्या (n) | प्रेक्षित व्यास D = M \pm (n \times L.C.) (मिमी) |
|---|---|---|---|
| 1. | ............ | ............ | ............ |
| 2. | ............ | ............ | ............ |
| 3. | ............ | ............ | ............ |
| 4. | ............ | ............ | ............ |
गणनाएँ (Calculations) :
दिए गए तार का विशिष्ट प्रतिरोध निम्नलिखित सूत्र से निकाला जा सकता है—
$\rho = S \left(\frac{\pi D^2}{4l}\right)$
सारणी-1 से,
S = ........... $\Omega$
$l_1$ = ........... सेमी
सारणी-2 से,
D = ........... मिमी
= ........... $\times 10^{-3}$ मीटर
परिणाम (Result)
दिए गए तार के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध \rho (प्रयोगात्मक मान) = ........... $\Omega$ मीटर
दिए गए तार के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध \rho_0 (मानक मान) = ........... $\Omega$ मीटर
प्रतिशत त्रुटि = $\frac{\rho_0 - \rho}{\rho_0} \times 100 = ........... \%$
सावधानियाँ (Precautions) :
- सभी संयोजक तारों के सिरे स्वच्छ होने चाहिए।
- संयोजन दृढ़ता से कसने चाहिए।
- प्रतिरोध बॉक्स के सभी प्लगों को दृढ़ता से कस देना चाहिए।
- प्रेक्षण लेते समय ही कुंजी लगानी चाहिए।
- दिए गए तार पर बिन्दु 30 सेमी-70 सेमी के मध्य में प्राप्त होना चाहिए।
- जॉकी को सेतु के तार से रगड़ना नहीं चाहिए।
- विद्युत धारा को अधिक समय तक प्रवाहित नहीं करना चाहिए।
त्रुटि के स्रोत (Sources of Error) :
- प्लग दृढ़ता से कसे न हों।
- तार एकसमान मोटाई का न हो।
- संयोजन दृढ़ न हो।
- विद्युत धारा अधिक समय तक प्रवाहित की गई हो।