Lyrics - ध्येय मार्ग पर चले वीर तो पीछे अब न निहारो , Dhyeya marg par chale veer to piche ab na niharo
ध्येय मार्ग पर चले वीर तो पीछे अब न निहारो
हिम्मत कभी न हारो, हिम्मत कभी न हारो।
तुम मनुष्य हो शक्ति तुम्हारे जीवन का संबल है
और तुम्हारा अतुलित साहस गिरि की भाँति अचल है
तो साथी केवल पल-भर को माया मोह बिसारो।।
मत देखो कितनी दूरी है कितना लम्बा मग है
और न सोचो साथ तुम्हारे आज कहाँ तक जग है
लक्ष्य-प्राप्ति की बलिवेदी पर अपना तन मन वारो
आज तुम्हारे साहस पर ही मुक्ति सुधा निर्भर है
आज तुम्हारे स्वर के साथी कोटि कंठ के स्वर हैं
तो साथी बढ़ चलो मार्ग पर आगे सदा निहारो।।
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