Lyrics - मन समर्पित, तन समर्पित, और यह जीवन समर्पित, Man samarpit , Tan samarpit or yah jivan samarpit
मन समर्पित, तन समर्पित, और यह जीवन समर्पित,
चाहता हूँ देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं |
माँ तुम्हारा ॠण बहुत है, मैं अकिंचन,
किन्तु इतना कर रहा फिर भी निवेदन,
थाल में लाऊँ सजा कर भाल जब,
स्वीकार लेना दया कर वह समर्पण,
गान अर्पित, प्राण अर्पित रक्त का कण कण समर्पित ||1||
माँज दो तलवार को लाओ न देरी,
बाँध दो कसकर क़मर पर ढाल मेरी,
भाल पर मल दो चरण की धूल थोड़ी,
शीश पर आशीष की छाया घनेरी,
स्वप्न अर्पित, प्रश्न अर्पित, आयु का क्षण-क्षण समर्पित ||2||
तोड़ता हूँ मोह का बन्धन, क्षमा दो,
गांव मेरे द्वार घर आंगन क्षमा दो,
आज सीधे हाथ में तलवार दे दो,
और बायें हाथ में ध्वज को थमा दो,
यह सुमन लो, यह चमन लो, नीड़ का तृण-तृण समर्पित ||3|