Lyrics - क्रांति की मशाल से मशाल को, Kranti ki mashal se mashal ko
क्रांति की मशाल से मशाल को,
देश के जवान तू जलाए जा,
आँधियों के बीच मुस्कुराए जा।।
लोग जो बड़े निराश हो रहे,
मौत की घटाओं में जो सो रहे,
इस घटा के साथ-साथ जिंदगी ये जिंदगी,
तू भी बिगुल देश के बजाये जा,
आँधियों के बीच................।।1।।
कर प्रणाम तू नये जहान को,
कर प्रणाम तू नये विधान को,
आराधना के गीत हैं, ये गीत हैं, ये गीत हैं,
तू भी साधना के गीत गाये जा,
आँधियों के बीच........।।2।।
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