Lyrics - फिर आज भुजाएँ फड़क उठी , Fir Aaj Bhujaye Fadak Uthi

Lyrics - फिर आज भुजाएँ फड़क उठी , Fir Aaj Bhujaye Fadak Uthi

Lyrics - फिर आज भुजाएँ फड़क उठी , Fir Aaj Bhujaye Fadak Uthi


फिर आज भुजाएँ फड़क उठी भारत के वीर जवानों की,

हम पर प्रहार करने वाले चिंता कर अपने प्राणों की।।

जिसने भी हमें चुनौती दी, उस पर आया है क्रोध सदा,

संगीनियों का संगीनों से, हम लेते हैं, प्रतिशोध सदा,

हम तत्पर हैं दोहराने को, फिर कथा विजय-अभियानों की।।1।।

हम फौलादी सीने वाले, हम अंगारे पीने वाले,

शोणित का तिलक लगाते हैं, आज़ादी से जीने वाले,

साहस से दिशा मोड़ देते, आने वाले तूफानों की।।2।।

मुश्किल से शांत हुआ करता, जब भी यह रक्त उबलता है,

हम जीवित नहीं छोड़ते हैं, उसको जो ज़हर उगलता है,

इतिहास कथाएँ कहता है, अब तक अचूक संधानों की।।3।।

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