Lyrics - अब तक सुमनों पर चलते थे अब काँटो पर चलना सीखें , Ab Tak Sumano par Chalte the ab kaato par chalna sikhe
अब तक सुमनों पर चलते थे अब काँटो पर चलना सीखें ॥
खडा हुवा है अटल हिमालय दृढता का नित पाठ पढाता
बहो निरन्तर ध्येय सिन्धु तक सरिता का जल कण बतलाता
अपने दृढ निश्चय से पथ की बाधाओं को ढहना सीखे ॥
अपनी रक्षा आप करे जो देता उसका साथ विधाता
अन्यों पर अवलम्बित है जो पग पग पर वह ठोकर खाता
जीवन का सिद्धान्त अमर है उस पर हम नित चलना सीखें ॥
हम में चपला सी चंचलता हम में मेघों का गर्जन है
हम में पूर्ण चन्द्रमा चुम्बी सिन्धु तरंगों का नर्तन है
सागर से गंभीर बने हम पवन समान मचलना सीखें ॥
उठे उठे अब अन्धःकारमय जीवन पथ आलोकित कर दे
निविद निशा के गहर तिमिर को मिटा आज जग ज्योतित कर दे
तिल तिल कर अस्तित्व मिटा दे दीपशिखा सम जलना सीखे ॥
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