द्रव्यमान क्षति और बंधन ऊर्जा | प्रति न्यूक्लियॉन बंधन ऊर्जा के साथ उदाहरण
Mass Defect and Binding Energy | Binding Energy per Nucleon with Example
द्रव्यमान क्षति एवं बंधन ऊर्जा :
1. द्रव्यमान क्षति (Mass Defect)
किसी परमाणु नाभिक का वास्तविक द्रव्यमान, उसमें मौजूद प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों के द्रव्यमानों के योग से कम होता है।
इस अंतर को ही द्रव्यमान क्षति $(\Delta m)$ कहते हैं।
$\Delta m = (Z m_p + N m_n) - M_n$
जहाँ,
$Z =$ प्रोटॉनों की संख्या
$N =$ न्यूट्रॉनों की संख्या
$m_p =$ प्रोटॉन का द्रव्यमान
$m_n =$ न्यूट्रॉन का द्रव्यमान
$M_n =$ नाभिक का वास्तविक द्रव्यमान
2. बंधन ऊर्जा (Binding Energy)
नाभिक को तोड़कर प्रोटॉन और न्यूट्रॉन अलग करने के लिए जितनी ऊर्जा चाहिए, उसे बंधन ऊर्जा $(E_b)$ कहते हैं।
$E_b = \Delta m \, c^2$
या परमाणु द्रव्यमान इकाई में,
$E_b = \Delta m \times 931.5 \, \text{MeV}$
3. प्रति न्यूक्लियॉन बंधन ऊर्जा :
किसी नाभिक की स्थिरता जानने के लिए प्रति न्यूक्लियॉन बंधन ऊर्जा निकाली जाती है।
$\frac{E_b}{A} = \frac{बंधन-ऊर्जा}{न्यूक्लियॉन-संख्या}$
जितनी अधिक यह मान होगा, नाभिक उतना ही स्थिर होगा।
4. उदाहरण – हीलियम नाभिक \(({}^4_2He)\)}
दिए गए मान:
प्रोटॉन का द्रव्यमान = $1.007276 \, u$
न्यूट्रॉन का द्रव्यमान = $1.008665 \, u$
हीलियम नाभिक का वास्तविक द्रव्यमान = $4.001505 \, u$
गणना :
कुल द्रव्यमान = $(2 \times 1.007276) + (2 \times 1.008665) = 4.031882 \u$
$\Delta m = 4.031882 - 4.001505 = 0.030377 \, u$
$E_b = 0.030377 \times 931.5 = 28.3 \, \text{MeV}$
$\frac{E_b}{A} = \frac{28.3}{4} = 7.07 \, \text{MeV}$
निष्कर्ष :
हीलियम नाभिक की द्रव्यमान क्षति = $0.030377 \, u$
कुल बंधन ऊर्जा = $28.3 \text{MeV}$
प्रति न्यूक्लियॉन बंधन ऊर्जा = $7.07 \, \text{MeV}$
इसका अर्थ है कि हीलियम नाभिक काफी $\textbf{स्थिर}$ है ।