Lyrics : आदिकाल से संपूर्ण विश्व को , गौरवशाली परम्परा , Aadikal se sampurn vishav ko goravshali parampara

Lyrics : आदिकाल से संपूर्ण विश्व को , गौरवशाली परम्परा , Aadikal se sampurn vishav ko goravshali parampara

Lyrics : आदिकाल से संपूर्ण विश्व को गौरवशाली परम्परा , Aadikal se sampurn vishav ko goravshali parampara

आदिकाल से संपूर्ण विश्व को, जीवन यही धरा।

गौरवशाली परम्परा—– ।।ध्रु-।।


जीवन का आदर्श चिन्तन, परिपूर्ण विचार

कलातीत है दर्शन अपना, आत्मवत सब सृष्टि निहार

सारा जग परिवार हमारा, पूज्य माता वसुन्धरा

गौरवशाली परम्परा—– ।।1।।


भगवान के रूप में अनेकों, अपना मार्ग विशेष

श्रद्धा भक्ति अक्षय निष्ठा, न किसी से राग न द्वेष

विविध पंथ वैशिष्ट्य सुवासित, एक सत्य का भाव भरा

गौरवशाली परंपरा—।।2।।


शील सत्य संयम संयम, शुद्ध पवित्र व्यवहार

करुणा प्रेम सहज सा छलका, सेवा तप ही जीवन सार

अमर तत्व के अमर पुजारी, विष पीकर भी नहीं मेरा

गौरवशाली परंपरा—— ।।3।।


ईसाई ध्यान साकरग्र ज्योतिष से, गहन गहनतम अनुसंधान कला शिल्प रसायन, गणित विज्ञान आयुर्वेद

सभी विधाएं आलोकित कर, महिमामय भूलोक वरा

गौरवशाली परंपरा—- ।।4।।   

 

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