Lyrics - देश जागे देश जागे, मंत्र सब गुंजा रहे हैं , Desh Jaage Desh Jaage Mantra Sab Gunja rhe h
देश जागे देश जागे, मंत्र सब गुंजा रहे हैं।
मातृमंदिर के पुजारी, एक स्वर में गा रहे हैं।।
जिसकी चिंगारी हृदय में प्रेरणा साहस जगा दे
और तन मन का सहजतम मोह भ्रम भय सब जला दे
उस अनोखी आग को सौ यज्ञ कर सुलगा रहे हैं
मातृमंदिर के पुजारी, एक स्वर में गा रहे हैं।।1।।
पथ कठिन हो या सरल हो चलने का समान मांगे
तेज तम बलिदान पुलकित देश का सम्मान जागे
चिर विजय की कामना हर स्वस्थ्य मन अपना रहे हैं
मातृमंदिर के पुजारी, एक स्वर में गा रहे हैं।।2।।
शक्ति संचय से विकल जब दीनता का सहज लय हो
मातृसेवा में निहित जब देश का प्रत्येक जन हो
वे सुहाने सुखद पल प्रतिपल निकटतम आ रहे हैं
मातृमंदिर के पुजारी, एक स्वर में गा रहे हैं।।3।।
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