Lyrics - सोने जैसी माटी इस की अमृत जैसा पानी है , Sone jesi maati es ki amrit jesa pani he
सोने जैसी माटी इस की अमृत जैसा पानी है
घर-घर में गाई जाती भारत की अमर कहानी है।
एक ओर है खड़ा हिमालय एक ओर सागर विशाल है
चरण पखारें गंगा सागर कश्मीर दैदिप्य भाल है।
है देवों की जन्म भूमि यह तपो भूमि कल्याणी है
सोने जैसी माटी इस की अमृत जैसा पानी है।।1।।
गंगा यमुना अति पावन धरती को स्वर्ग बनाती हैं
कण-कण में ये प्राण सींच कर जीवन को दुलराती हैं।
स्वर्ग से सुन्दर धरा हमारी सारे जग ने मानी है
सोने जैसी माटी इसकी अमृत जैसा पानी है।।2।।
भगत सिंह आज़ाद सरीखे भारत माँ के लाल यहाँ
इनके आगे अंग्रेंजों की गली कभी न दाल यहाँ
बलिदानी आदर्श है इनके इनकी धन्य जवानी है
सोने जैसी माटी इसकी अमृत जैसा पानी है।।3।।
सूरज सब से पहले आकर देता नया सवेरा है,
उड़े गगन में पंछी उनका यह उन्मुक्त बसेरा है
सब के सुख की करे कामना अपनी रीत पुरानी है
सोने जैसी माटी इसकी अमृत जैसा पानी है।।4।।