Lyrics - कोटि-कोटि कण्ठों ने गाया माँ का गौरव गान है , Koti Koti Kantho देशभक्ति गीत Patrotic Songs
कोटि-कोटि कण्ठों ने गाया माँ का गौरव गान है,
एक रहे हैं एक रहेंगे, भारत की संतान हैं।।
पंथ विविध चिंतन नानाविधि, बहुविधि कला प्रदेश की,
अलग वेश भाषा विशेष है, सुन्दरता इस देश की,
इनको बांट-बांट कर देखे, दुश्मन वो नादान है।। 1।।
समझायेंगे नादानों को, सोया देश जगायेंगे,
दुश्मन के नापाक इरादे, जड़ से काट मिटायेंगे,
भारत भाग्य विधाता हम हैं, जन-जन की आवाज हैं।। 2।।
ऊंच-नीच निज के विभेद ने, दुर्बल किया स्वदेश को,
बाहर से भीतर से घेरा, अंधियारे ने देश को,
मिटे भेद मिट जाये अंधेरा, जलती हुई मशाल हैं।। 3।।
बदलेंगे ऐसी दिशा को, जो परवश मानस करती,
स्वावलंबिता स्वाभिमान से, जाग उठे अंबर धरती,
पुनरपि वैभव के शिखरों पर, बढ़ता देश महान है।। 4।।