Question: डी ब्रॉग्ली परिकल्पना को स्पष्ट कीजिए। ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य का सूत्र व्युत्पन्न कीजिए और इसकी विशेषताएँ बताइए।
Answer :
ब्रॉग्ली की धारणा:
लुईस डी ब्रॉग्ली ने यह प्रस्तावित किया कि किसी भी चल रहे कण (जैसे इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, आदि) के साथ तरंग की प्रकृति जुड़ी होती है। इसका मतलब है कि सभी कणों का द्रव्य गति के साथ एक तरंगदैर्ध्य (wavelength) जुड़ा होता है।
ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य का सूत्र:
$\lambda = \frac{h}{p}$
जहाँ,
$\lambda$= ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य,
h= प्लांक स्थिरांक,
p = कण का द्रव्य संवेग (momentum), = mv।
इस प्रकार, ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य द्रव्य संवेग के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
$\lambda = \frac{h}{mv}$
संक्षेप में संबंध:
1. किसी कण का द्रव्य संवेग जितना अधिक होगा, उसका ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य उतना छोटा होगा।
2. ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य केवल माइक्रोस्कोपिक कणों (जैसे इलेक्ट्रॉन) के लिए महत्वपूर्ण होती है, मैक्रोस्कोपिक वस्तुओं के लिए अत्यंत लघु होती है और अनुभव नहीं की जा सकती।