प्रकाश का कणीय प्रकृति : फोटॉन के व्यवहार

प्रकाश का कणीय प्रकृति : फोटॉन के व्यवहार

प्रकाश का कणीय प्रकृति : फोटॉन के व्यवहार 

1. प्रकाश का कण – फोटॉन प्रकाश का बहुत छोटा कण होता है, जो तरंग की तरह नहीं, बल्कि कण की तरह व्यवहार करता है।

2. ऊर्जा तय होती है – प्रत्येक फोटॉन की ऊर्जा निश्चित होती है और यह E = hν से दी जाती है (ν = आवृत्ति)।

3. संवेग होता है – फोटॉन में ऊर्जा के साथ-साथ संवेग भी होता है, जो p = hν/c होता है।

4. गति हमेशा c – फोटॉन हमेशा प्रकाश की गति c = 3×10⁸ m/s से चलते हैं।

5. द्रव्यमान शून्य – फोटॉन का विश्राम द्रव्यमान (rest mass) शून्य होता है। इसलिए यह केवल चलते समय ऊर्जा रखता है।

6. आवृत्ति बदलने से ऊर्जा बदलती है – अगर प्रकाश की आवृत्ति बढ़ेगी तो एक-एक फोटॉन की ऊर्जा भी बढ़ेगी।

7. तीव्रता बदलने से संख्या बदलती है – प्रकाश की तीव्रता बढ़ाने पर फोटॉनों की संख्या बढ़ती है, ऊर्जा नहीं।

8. विद्युत/चुंबकीय क्षेत्र से प्रभावित नहीं – फोटॉन पर कोई आवेश नहीं होता, इसलिए ये किसी विद्युत या चुंबकीय क्षेत्र से नहीं मुड़ते।

9. अवशोषित या उत्सर्जित हो सकते हैं – फोटॉन पदार्थ से टकराकर अवशोषित, उत्सर्जित या परावर्तित हो सकते हैं।

10. तरंग और कण दोनों गुण रखते हैं – फोटॉन का स्वभाव द्वैध है: इसमें तरंगीय गुण भी होते हैं और कणीय गुण भी।

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