Lyrics - चले निरन्तर साधना , निर्मल पावन भावना Chale nirantar sadhna Nirmal Pawan Bhavna

Lyrics - चले निरन्तर साधना , निर्मल पावन भावना Chale nirantar sadhna Nirmal Pawan Bhavna

Lyrics - निर्मल पावन भावना , Nirmal Pawan Bhavna 

निर्मल पावन भावना

सभी के सुख की कामना –

गौरवमय समरस जन जीवन, यही राष्ट्र आराधना।

चले निरन्तर साधना ।।ध्रु-।।

जहाँ अशिक्षा अन्धकार है, वहीं ज्ञान का दीप जलाएँ

स्नेह भरी अनुपम शैली से, संस्कार की जोत जगाएँ

सभी को लेकर साथ चलेंग, दुर्बल का कर थामना ।।1।।

जहाँ व्याधियों और अभावों – में मानवता तड़प रही

घोर विकारों, अभिशापों में, देखो जगती झुलस रही

एक एक आँसू को पौछें, सारी पीड़ा लाँघना ।।2।।

जहाँ विषमता भेद अभी है, नयी चेतना भरनी है

न्यायपूर्ण मर्यादा घारे, विकास रचना करनी है

स्वाभिमन से सभी खड़े हों, करे न कोई याचना ।।3।।

‘‘नर-सेवा नारायण सेवा’’ है अपना कर्तव्य महान्

अपनी भक्ति अपनी शक्ति, करना है जन जन का त्रण

अपनें तप से प्रगटाएंगे, माँ – भारत कमलासना ।।4।। 

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